उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ मे वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ को काले झंडे दिखा चर्चा मे आईं पूजा शुक्ला को समाजवादी पार्टी ने लखनऊ उत्तरी से अपना प्रत्याशी घोषित किया है. इस सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है.
अखिलेश यादव ने इस सीट पर ब्राह्मणो के पैरोकार अभिषेक मिश्रा का टिकट काटकर पूजा शुक्ला पर भरोसा जताया है. इस सीट के बदले समीकरणों ने मुक़ाबले को और रोचक बना दिया है.
लखनऊ विश्वविद्यालय मे वामपंथी छात्र संगठन आइसा से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाली पूजा शुक्ला को सपा ने लखनऊ उत्तरी सीट से अपना प्रत्यासी घोषित कर दिया है. आपको बता दें की साल 2017 मे सीएम योगी आदित्यनाथ को लखनऊ विश्वविद्यालय जाते समय काला झण्डा दिखाया गया था, और इसके चलते पूजा शुक्ला को जेल की भी हवा खानी पड़ी थी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ विश्वविद्यालय मे महारणा प्रताप की मूर्ति का अनावरण करने जा रहे थे. थाना हसंगंज लखनऊ विश्वविद्यालय से पहले हनुमान सेतु मंदिर के पास सपा के छात्र सभा की नेता पूजा शुक्ला ने छात्र नेताओं के साथ मिलकर काले झंडे दिखाए थे,पुलिस ने इनको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लंबे संघर्ष के बाद 26 दिन बाद इनकी रिहाई संभव हो पाई थी.
पूजा शुक्ला को काले झंडे दिखाना काफी महंगा पड़ा और और यूनिवर्सिटी मे उनके आवेदन को कैंसिल कर दिया गया था जिसको लेकर पूजा शुक्ला यूनिवर्सिटी मे 2 महीने तक हड़ताल करती रहीं, पूजा समाजवादी छात्र सभा की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.
अगर इस सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो साल 2012 मे यहाँ से अभिषेक मिश्रा ने चुनाव जीता था. उन्होने कांग्रेस प्रत्यासी नीरज बोरा को हराया था. इसके बाद अखिलेश यादव ने उन्हे अपने मंत्रिमंडल मे शामिल कर लिया था. लेकिन वक्त ने करवट ली और 2017 के विधानसभा चुनाव मे नीरज बोरा ने बीजेपी का दामन थाम लिया और बीजेपी की आँधी मे नीरज ने अभिषेक मिश्रा को इस सीट पर मात दी.
अगर इस सीट से पूजा शुक्ला की बात की जाए तो अभिषेक मिश्रा जितनी जातीय पैठ इनकी नहीं है लेकिन पूजा शुक्ला युवाओं की बीच ज्यादा लोकप्रिय हैं. लखनऊ उत्तरी विधानसभा सीट के तहत राजधानी के अलीगंज, कपूरथला, केशव नगर, कुर्सी रोड, फैजुल्लागंज के अलावा पुराने लखनऊ का भी थोड़ा सा हिस्सा आता है.