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भोजपुरी हमार माई हिय – रिशु कुमार गुप्ता

रिशु कुमार गुप्ता बक्सर के कसियां के रहे वाला हवेंआ भोजपुरी के उभरत कवि बाड़ें. ई रचना उनुका अनुमति से इहाँ प्रकाशित कईल गइल बा.

भोजपुरी हमार शानो शौकत,
भोजपुरी हमार कमाई हिय,
भोजपुरी से पहचान हमार,
भोजपुरी हमार माई हिय।

ई भाखा हमरे पुरखन के,
अभियो बोलेले हमार पापा,
आस पड़ोस सभे कोई बोले,
बोलस पुरनका काका।

काथा सुनावस आजी एही में,
माई सुनावस लोरी,
भगवान के पूजा पाठ एही में
करे सभे हाथ जोरी।

भोजपुरी ह हमार पहिनावा,
एहे जबान के सिलाई हिय,
भोजपुरी से पहचान हमार
भोजपुरी हमार माई हिय।

सभ कोई बईठे संघे जब
तब हँसी ठिठोली एही में,
बचपन में आइस बाइस
अउर आंख मिचोली एही में।

एकरे संघे बचपन बितल
अउर जवानी एही में,
मीठ तीत जीवन के किस्सा
लिखाइल कहानी एही में।

घरवालन के प्यार एकरे में,
दूर रहला पर ईहे दवाई हिय,
भोजपुरी से पहचान हमार,
भोजपुरी हमार माई हिय।

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