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जबकि सूरज औ चाँद के छू लिहलस दुनिया
बाकी आदमी के आदमी से घिन आवत बा
का मानी , कईसे मानी , बोला ए भईया
हमके ना लागत बा की निक दिन आवत बा
ई छुआ-छूत अ जाति-धरम के बीमारी
रब ही जानें कब छूटी यार जमाने में

दिन बीत रहल बा जाने में, पहचाने में
मनई के मनई माने में!

बा लोग उहे के पूजत जे खलनायक बा
लोभी – ढोंगी व मंत्री और विधायक बा
ई पीर, फ़कीर, वकील, हकीम ही ज्यादातर
माना मत माना लोग, ईहौ नालायक बा
ई पुलिस प्रशासन सब ह जनता के दुश्मन
विश्वास न होखे जाके देखा थाने में

दिन बीत रहल बा जाने में, पहचाने में
मनई के मनई माने में!

मजदूर बेचारा झुलस- झुलस के मर जाता
बढ़ती – घटती ई महंगाई के आगी में
जैसे बन पड़े उ ओईसन दिन बितावत बा
मध्यम वर्गीय बा हार जीत के बाजी में
ई देश के शान किसान के हाल ही मत पूंछा
परेशान बा गेहूं चाउर और पिसाने में

दिन बीत रहल बा जाने में, पहचाने में
मनई के मनई माने में!

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