हमरा आंख के हर कहानी गइल,
का कहीं केतना जिंदगानी गइल.
दरद मत खोज हमरा ललाट पर,
चेहरा के सगरो निशानी गइल.
जे बचल से सब बाट जोहत बा,
लोग कहे कि दरिया के पानी गइल.
अब त लोर सुख के कांटा भईल,
आँख से आंसू के रवानी गइल.
छप गइल जवन दिलो दिमाग पर,
कह मत की कवनो कहानी गइल.
खेत,खरिहान,घर,बगइचा,आंगन,
‘भावुक’ हर चीज सुहानी गइल.