आज ले कवनो पैगाम ना आईल,
उ पास रह के भी काम ना आईल.
जेकरा खातिर लूटा दिहनि सबकुछ,
उनका जुबान पर हमार नाम ना आईल.
अतना मासूम चेहरा बा उनकर,
कत्ल कर दिहले पर इल्ज़ाम ना आईल.
बुलाके महफ़िल में सेखी मत बघार,
जा ले आव अबले जाम ना आईल.
रात, दिन सब तोहरे पर लुटा दिहनि,
ए ‘भावुक’ ! अबले आराम ना आईल.