मुँह पे मावुर रखला में शान का बाटे ?
हँस देला में आख़िर नुक़सान का बाटे ?
जवन होखे के बा उ त होखबे करीं ,
चिरई नियन पिंजरा में प्राण का बाटे ?
जे आपन होइ लौट के आयी ज़रूर,
बोलावे के सरकारी फ़रमान का बाटे ?
नेह छोह बनल रहो अऊरी का चाहीं,
ये जिनगी के सिरहांन-पैतान का बाटे ?
प्रेम-स्नेह अपनापन हर धर्म के सार ह,
प्रेम के आगे आरती आजान का बाटे ?
घर के आँगन में कौनो देवाल ना उठे,
माई-बाबू जी से ऊँचा स्थान का बाटे ?
“नूरैन” दुरुस्त बा ईमान त ठीक बा सब,
किरिया खाये के गीता क़ुरान का बाटे ?