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भईया! हथवा पे बन्हलीं रेशम डोरिया – श्वेता राय

भईया! हथवा पे बन्हलीं रेशम डोरिया,
उहे डोरिया खींचेला नईहर ओरिया।

इयाद हमें आवे बाबा घरवा दुअरिया।
रोज गोहरावे हमके गऊंआ डगरिया।
अम्मा! बिसरे नयन के न भीजल कोरिया,
उहे कोरिया खींचेला नईहर ओरिया।

कइसी हम भुलाईं भौजी देहलू तू सनेहिया।
भईया भतीजवन से पउँलीं जऊन नेहिया।
भौजी! अचरा में बन्हलू खोईछा के झोरिया,
उहे झोरिया खींचेला नईहर ओरिया।

सखियन के साथ छूटल, छूटल बचपनवा।
सावन के झुलुवा छूटल,छूटल सब सपनवा।
अंगना! नीमिया के गछिया नरम डरिया,
उहे डरिया खींचेला नईहर ओरिया।

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