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कर लूं यादों से तेरी किनारा सनम

कर लूं यादों से तेरी किनारा सनम,
हो भी जाएगा मेरा गुजारा सनम.

कितने डूबे हो दरिया में मालूम चले,
न हो साहिल पे कोई तुम्हारा सनम.

आसमां में छुपे चांद तारें सभी,
छत पर जिनको कभी था उतारा सनम.

फिर से हो जाएगा इश्क, तुमने कहा,
टूटकर न बिखरना अब गवारा सनम.

हम चले साथ थे एक ही लक्ष्य पर,
खत्म होता सफर ये हमारा सनम.

मैं अलग रास्ते, तुम अलग रास्ते,
क्या भरोसा मिलें हम दुबारा सनम.

बात ही बात में बात पहुंची कहाँ,
‘भावुक’ इसका न कोई किनारा सनम.

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