साहित्य अड्डा

रउवा गईला के दुख नाही क़बो ओराई – नूरैन अंसारी

ना लिखले लिखाई ना कहले कहाई. रउवा गईला के दुख नाही क़बो ओराई. शारदा जी याद राउर युग युग तक आई जले रही दुनिया ई, लोग गीत राउर गाई के माई भोजपुरी के अब...

अरघ के दिन – संदीप कुमार

बचपन से हम अपना दादी के हर साल छठ...

वाह रे दुनिया!-राम अचल पटेल

जियते मुँह ना मीठ करावैं मुवते बाटैं खाझा -...

भइया हो बिहार में बस नाम के शराबबंदी बा-नूरैन अन्सारी

ना ख़रीदे पर सन्धि बा ना पिये पर पाबंदी बा भइया...

बेमौसम हालात से टकराने का हुनर – नुरैन अंसारी

बेमौसम हालात से टकराने का हुनर ! मजबूरियों में ज़िंदगी...

ट्रेंडिंग मे

भोजपुरी हमार माई हिय – रिशु कुमार गुप्ता

भोजपुरी हमार शानो शौकत, भोजपुरी हमार कमाई हिय, भोजपुरी से पहचान...

सोना से माटी के बदली – मुकेश भावुक

भोजपुरी के नए लेखक, गीतकारों की सूची मे इनका नाम शामिल है।

दुश्मन आइल,सीमा भीतर दुश्मन के संहार करीं – मनोज भावुक

जाईं प्रियतम कर्मक्षेत्र में पौरुष के इजहार करीं, दुश्मन आइल,सीमा भीतर दुश्मन के संहार करीं

याद तहार लौटावे के बा – नूरैन अन्सारी

मिले एक दिन आवे के बा. याद तहार लौटावे के...

भइया हो बिहार में बस नाम के शराबबंदी बा-नूरैन अन्सारी

ना ख़रीदे पर सन्धि बा ना पिये पर पाबंदी बा भइया...

बेमौसम हालात से टकराने का हुनर – नुरैन अंसारी

बेमौसम हालात से टकराने का हुनर ! मजबूरियों में ज़िंदगी...

निमने बतिया लोग के ख़राब लागत बा – नूरैन अन्सारी

निमने बतिया लोग के ख़राब लागत बा. धतूर जईसन कडुआ...

भारत विशेष बहुत बा-नूरैन अंसारी

दुनिया में त देश बहुत बा. पर भारत विशेष बहुत...

होते भिनसहरे बिहान – मुकेश भावुक

कइसे करीं हम बयान, तोहरा से प्रेम केतना होते भिनसहरे...

हमहि से प्रेम हमहि से छुपावे के बा-मुकेश भावुक

उनुकर इरादा हमके सतावे के बा, हमहि से प्रेम हमहि...

कर लूं यादों से तेरी किनारा सनम

कर लूं यादों से तेरी किनारा सनम, हो भी जाएगा...

मोहब्बत में लोग मर जाला – मुकेश भावुक

मोहब्बत में लोग मर जाला. एहि से तs सभ डर...

ऊ नामी आदमिन के साजिशन बदनाम कइलन स – मनोज भावुक

ऊ नामी आदमिन के साजिशन बदनाम कइलन स एही तिकड़म...

आने दो रे आने दो, उन्हें इस जीवन में आने दो – मनोज भावुक

खिलने दो ख़ुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो आने दो...

बर पीपर के छाँव के जइसन बाबूजी

बर पीपर के छाँव के जइसन बाबूजीहमरा भीतर गाँव...

जब-जब जे महसूस करेलें उहे लिखेलें भावुक जी

दर्द उबल के जब छलकेला गज़ल कहेलें भावुक जीजब-जब...