वनवास राम के कट गइल
सीता के परिक्षा बाकी बा
हे अवध के राजा अजुवो ले
माई के समस्या बाकी बा
जे दुख में तहरे साथ रहल
जे हर रस्ता पर साथ चलल
ओ पतिव्रता के जंगल में
अभियो ले तपस्या बाकी बा
दुनिया के प्रेम त पा गइनी
पर ई बतलाईं राजा जी
लवकुश के जिनिगीया में काहे
पापा के सनेहिया बाकी बा
जब पति बने के बेर रहे
तब राजा रउंवा बन गइनी
हर जनम में साथ निभवला के
रउरे परतिज्ञा बाकी बा
ई प्रश्न करेजा में जब तब
हमनी के दर्द बढ़ावे ला
भगवान के मन में काहे ला
देवी पर शंका बाकी बा
जग जीत के आपन सगरो सुख
भगवान जी अइसे हरलन की
बा देह महल में पर उनके
मनवा में कुटिया बाकी बा