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चिहुक जातानी रह-रह के, उनकर याद आइल बा – मनोज भावुक

जिगर बेताब,दिल बेचैन बा,अंखिया लोराइल बा
चिहुक जातानी रह-रह के, कि उनकर याद आइल बा

पढ़त बानी पुरनका खत, हंसत बानी समझ के ई
कि लिखते-लिखते कुछ खाली जगह काहे छोड़ाइल बा

सफर में साथ रहलs तs हवा में भी रहे खुशबू
बिछड़ला पर लगल मधुमास में पतझड़ समाइल बा

सितारा, चांद, सूरज, दीप कुछुओ काम ना आई
अंधेरा ही अंधेरा जो अगर मन में समाइल बा

अलग होखे के मन केहू के घर में ना रहे, लेकिन
तनी सा जिद, तनी सा बात पर अंगना बंटाइल बा

बताईं चीख के भावुक कि एकर स्वाद कइसन बा
ई हमरा दिल के कोल्हू में ग़ज़ल ताज़ा पेराइल बा

परिचय: मनोज भावुक जी भोजपुरी इंडस्ट्रीज़ मे परिचय के मोहताज नहीं है। 02 जनवरी 1976 को सिवान जिले मे पैदा हुए। मनोज भावुक का भोजपुरी गजल संग्रह “तस्वीर ज़िंदगी के” और भोजपुरी दोहा व गीत संग्रह “चलनी मे पानी” है। यहाँ प्रकाशित गजल मनोज भावुक की लिखी हुई है। साइट पर प्रकाशित कोई भी कंटेन्ट अगर आपके कॉपीराइट का उलंघन करता है तो हमें info@lallanbhojpuri.com पर मेल करें, हम उसे 24 घंटे के अंदर अपने प्लेटफार्म से हटा देंगे।

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