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मंगल पर नासा के मिनी हेलिकॉप्टर का मिशन पूरा

नासा का छोटा हेलिकॉप्टर इनजेनुइनिटी अब नासा पर काम करना बंद कर रहा है. अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार दो किलोग्राम वजनी हेलिकॉप्टर इनजेनुइनिटी के पंख खराब हो गए हैं. इस मिशन पर कुल 8.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का खर्च आया. नासा के अनुसार हेलिकॉप्टर से संपर्क अभी तक बना हुआ है लेकिन आधिकारिक तौर पर ये अभियान अब खत्म हो चुका है।

2021 मे जब इनजेनुइनिटी को पहली बार मंगल ग्रह पर उतारा गया था तब इस मिशन का मकसद यह पता लगाना था की धरती से बाहर के ग्रहो पर क्या हेलिकॉप्टर को उड़ाया जा सकता है?

लेकिन यह न सिर्फ अपने मकसद पर खतरा उतरा बल्कि अगले तीन सालों तक कुल 72 उड़ाने भी भर चुका हैं. अपने कुल 2 घंटे के उड़ान समय मे इनजेनुइनिटी लगभग 18 किलोमीटर की यात्रा की जो इसके तय लक्ष्य से 14 गुना ज्यादा था.

पहले यह अभियान सिर्फ 30 दिन तक कुल 5 उड़ानों के लिए ही डिजाइन किया गया था लेकिन इसने अगले तीन सालों तक सफलता पूर्वक काम किया. इस छोटे से हेलिकॉप्टर ने पृथ्वी से बाहर किसी ग्रह पर अपने तरह की पहली उड़ान भरी थी इसने अपने जीवन काल मे अधिकतम 36 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड हासिल कर ली थी. अधिकतम 24 मीटर ऊपर तक यह उड़ान भर सका।

नासा के परसिवरेंस नाम के रोवर मे सवार होकर यह हेलिकॉप्टर 2021 मे मंगल ग्रह पर उतरा और इसने परसिवरेंस के सहयोगी के तौर पर काम किया. नासा धरती से बाहर के ग्रहों पर हल्के वातावरण मे भी उड़ान भरना चाहता था ताकि अगले आने वाले और मिशन के लिए जरूरी उपाय किए जा सकें।

इनजेनुइनिटी की सफलता से उत्साहित नासा अपने अगले मिशनों पर भी हेलिकॉप्टर भेजना चाहता हैं न सिर्फ मंगल ग्रह बल्कि शुक्र ग्रह और शनि ग्रह के चंद्रमा टाइटन पर भी छोटे हेलिकॉप्टर भेजने की योजना बनाई जा रही है।

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