ईडी बुला रही है और केजीवाल जा नही रहे हैं, आखिर कब तक?

दिल्ली के कथित शराब घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने जांच में शामिल होने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 4 मार्च को बुलाया था.

केजीवाल को ईडी का यह आठवां समन था. केजरीवाल अभी तक ईडी के समन पर जांच में शामिल नही हुए हैं लेकिन उन्होंने ईडी को अपने लिखित जवाब भेज दिए हैं.

इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सात समन मिल चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अरविंद केजरीवाल ने ईडी से कहा है कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूछताछ में शामिल हो सकते हैं.

ईडी अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बार बार बुला रही है लेकिन अरविंद केजरीवाल हर बार पेश होने की बजाय अपना लिखित जवाब ईडी को भेज देते हैं.

अरविंद केजरीवाल ने ईडी द्वारा भेजे गए सभी समन को गैरकानूनी करार दिया है. केजरीवाल ने ईडी को पत्र लिखकर सभी समन को रदद् करने के लिए कहा है.

आपको बताते चलें कि जब ईडी ने अरविंद केजरीवाल को सातवीं बार समन भेजकर 26 फ़रवरी को पेश होने के लिए कहा था तब उन्होंने जांच में शामिल होने से इनकार कर दिया था. आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया कि ईडी को समन जारी करने के बजाय अदालत के फैसले की प्रतीक्षा करनी चाहिए.

वीडियो कांफ्रेंसिंग क्व जरिए ईडी के सवालों के जवाब देने की अरविंद केजरीवाल की पेशकश पर बीजेपी के प्रवक्ता शहनाज़ पूनावाला ने कहा कि ‘ये बहुत अजीब है कि एक व्यक्ति जिसपर गंभीर आरोप हैं वो तय करंगें की ईडी के सामने कैसे पेश होना है और कब पेश होना है. ये आजतक सुना ही नही गया. जब केजरीवाल अन्ना हज़ारे के साथ थे तब कहते थे कि पहले स्तीफा फिर जांच. अब स्तीफा तो भूल जाइए जांच में भी सहयोग नही करते हैं.’

आपको बताते चलें कि ईडी ने अरविंद केजरीवाल के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है जिसमे केजरीवाल ने कहा था कि 12 मार्च के बाद किसी भी दिन वह वीडयो कांफ्रेसिंग के जरिए ईडी के सवालों का जवाब देगें. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है.

यहां यह सवाल उठ रहा हैं कि अगर अरविंद केजरीवाल बार बार समन क्व बावजूद पेश नही होते हैं तो आगे क्या होगा?

विशेषज्ञ मानते हैं कि अरविंद केजरीवाल को यदि गिरफ्तार नही भी किया जाता है तो यह माना जाएगा कि वो जानबूझकर जांच में सहयोग नही कर रहे हैं. और इसे आधार बनाकर गिरफ्तारी हो सकती है.

प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के सेक्शन 50 क्लॉज तीन के तहत ईडी के पांच जांच के दौरान किसी भी व्यक्ति को समन करने का अधिकार है.

आपको बता दें कि इस प्रावधान के तहत ‘किसी भी व्यक्ति को बुलाए जाने पर स्वयं या अपने एजेंट के जरिए जांच में शामिल होना होता है और विषय जे सम्बंधित बयान और मांगे जाने पर दस्तावेज उपलब्ध कराना अनिवार्य होता है.’

इस कानून के तहत दिए गए बयानों को अदालत के समक्ष एफिडेविट (सपथ पत्र) की तरह माना जाता है.

अगर ईडी किसी व्यक्ति को जांच में पूछताछ के लिए बुलाती है और वह नही जाता है तो ईडी उसे आसानी से गिरफ्तार कर लेती है लेकिन अरविंद केजरीवाल वाले मामले में हाई प्रोफाइल होने की वजह से शायद ईडी गिरफ्तार नही करना चाहती है ताकि मुद्दे पर राजनीति न हो.

इहों पढ़ल जाव