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साहित्य टीम
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तुर्की में जोरदार भूकंप, कई शहरन में तबाही के मंजर
Big Breaking News in Bhojpuri, Viral Breaking News
हँस देला में आख़िर नुक़सान का बाटे ?
नूरैन अंसारी
गीत/ग़ज़ल
साहित्य टीम
-
February 10, 2024
नूरैन अंसारी भोजपुरी के उभरते हुए चर्चित गीतकार,ग़ज़लकार व साहित्यकार हैं.
नईखे जिनगी के रहियाँ आसान भाई जी
नूरैन अंसारी
गीत/ग़ज़ल
साहित्य टीम
-
January 26, 2024
दुखऽ , मुसीबत ना घर से ओराला
तनी-तनी बतिया पे अँखियाँ लोराला
चिंता धईले बा साझों बिहान भाई जी
नईखे जिनगी के रहियाँ आसान भाई जी
कईसे कटी पूष के रात
राजू साहनी
कविता
साहित्य टीम
-
January 25, 2024
कईसे कटी पूष के रात,
सोची सोची बा मन डेरात।
घर में नईखे इको दाना,
बटुली में बचल बा बसिया भात,
कईसे कटी पूष के रात,
सीता के परिक्षा बाकी बा
राजीव कुमार
गीत/ग़ज़ल
साहित्य टीम
-
January 24, 2024
वनवास राम के कट गइल
सीता के परिक्षा बाकी बा
हे अवध के राजा अजुवो ले
माई के समस्या बाकी बा
आदाबो ख़यालात में कितने अच्छे थे तुम-अभिषेक वत्स
अभिषेक वत्स
गीत/ग़ज़ल
साहित्य टीम
-
January 24, 2024
आदाबो ख़यालात में कितने अच्छे थे तुम
वो पहली मुलाक़ात में कितने अच्छे थे तुम
तारों के बिना चेहरा उतरा उतरा सा है
ओ चाँद मियाँ! रात में कितने अच्छे थे तुम
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Breaking
भोर के आस में ‘भावुक’
डेस्क स्टाफ
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July 27, 2024
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June 10, 2024
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June 1, 2024
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May 20, 2024
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केतनो रोई बाकिर अखिया लोरात नइखे – नूरैन अन्सारी
गीत/ग़ज़ल
April 10, 2024
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जीवन में दुःख के बावजूद आंसू नहीं बहते, महंगाई से आदमी बेहाल है पर जिंदगी का बोझ उतरता नहीं| बाढ़ और सूखे से किसान प्रभावित होते हैं, अब खुशी से खेती नहीं होती| लोग जरूरत पर साथ नहीं देते, और आंतरिक पीड़ा छिप के सही जाती है।